Friday 25 December 2015

करणी का फल

"करणी का फल "
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आज सासु माँ की बहुत याद आ रही है , 
कड़ाके की ठंड में रात को दस बजे तक भी जब मैं अपनी व्यस्तता का बहाना बनाकर खाना नही बनाती थी,तो भी कभी कोई शिकायत नही करती मुझसे। 
रमा के आज एक-एक कर वो सब बाते फ़िल्म की तरह दिमाग में चल रही है।
रात को ही क्या दिन में भी यही हाल था। कई बार तो सासु माँ को इस अवस्था में खुद भी बनाकर खाना पड़ जाता था। 
अरे! आप बैठी -बैठी क्या सोच रही है मुझे महिला एवं बाल कल्याण दफ्तर में मीटिंग के लिए जाना है,,जल्दी से किचन में आईये और काम में हाथ बटाईए , बहू की रौबदार आवाज से रमा  की तन्द्रा भंग हुई।
शान्ति पुरोहित

Thursday 24 December 2015

जन्मदिन की पार्टी


"जन्मदिन की पार्टी"
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतीक शर्मा के बेटे के जन्मदिन का अवसर था।
जाहिर सी बात है मेहमानो को तो निमन्त्रित करना ही था
प्रतीक की पत्नी जो जिला शिक्षा अधिकारी थी, चाहती थी कि बेटे का जन्मदिन चुनिंदा लोगो के साथ किसी होटल में मनाया जाय।
पर प्रतीक चाहता था घर में अपने पूरे परिवार के साथ मनाया जाय।
अंत में बेटे का जन्मदिन घर में ही मनाना तय हुआ।
प्रतीक के परिवार के लोग दूसरे शहर से आये थे और पत्नी के उसी शहर से आये थे।
प्रतीक के परिवार के लोग उस समय चकित रह गए जब उन्हें पास ही के खाली पड़े प्रतीक के किसी परिचित के घर यह कह कर ठहराया गया कि रात को जब केक पार्टी होगी आपको लेने आ जाऊँगा।
"भाई साहब क्या सोच रहे हो, प्रतीक के छोटे भाई ने कहा तो प्रतीक की तन्द्रा भंग हुई ,उसे याद आया कि पत्नी ने कभी भी मेरे परिवार के लोगो को अपने बराबर नही समझा बल्कि उन्हें छूत की बीमारी ही समझा। अपने परिवार को श्रेष्ठ , सबकुछ जानते हुए भी एक बार फिर अपने परिवार की तोहीन करवाई ।
शान्ति पुरोहित

Tuesday 15 December 2015

निर्माण

निर्माण
कल ही हरिया शहर से मजदूरी करके कुछ पैसा लेकर गाँव आयेगा, तो सबसे पहले टूटी झोपडी को बंधवाना है। बहू पेट से है, और जाड़ा सर पर है। पताशी कच्चा आँगन लीपते हुए मन ही मन सोच विचार कर रही थी।
तभी रामू भागता हुआ आया, " माँ! भाई को पुलिस पकड़ कर ले गयी है ।पाकिस्तान से कुछ आतंकवादी भारत की सीमा में अनधिकृत रूप से प्रवेश का गए हैं। उनहोंने हरिया को भी उन्ही में से एक समझ लिया। अब हरिया जो कमाई शहर से करके लाया था वह वकील की फीस में चली गयी । 
शान्ति पुरोहित

" दोगलापन"

" दोगलापन" 
अरे माँ उठो! आज आने में थोडा लेट हो गयी, क्या करूँ! 
सासु माँ की तबियत आज सुबह से ठीक नही थी, तो किचन सम्भालना पड़ गया। पता नही बुढ़िया को ठंड कहाँ से लग गयी ! दो स्वेटर तो पहन कर रहती है ,फिर भी सुबह से खांस रही है।
विपिन तो है ही ममा पुत्र, जब विपिन घर से निकलते है तभी तो उसकी माँ से नौकरों जैसे काम करवा सकती हूँ 
रीटा ने माँ को गरमा गर्म टमाटर का सूप पिलाते हुए कहा
माँ सूप पीते हुए सोच रही थी, कि क्या ये मेरी बेटी की व्यहारिकता ठीक है!,
इसी उधेड़ बून में सूप की प्याली हाथ से गिर गयी ।
रीटा ने बड़े प्यार से माँ को सम्भाला ।
शान्ति पुरोहित





"मार्गदर्शन"


"मार्गदर्शन"
"बाल विवाह का दंश झेल कर युवा हुई किरण, जीवन के दोराहे पर खड़ी थी। 
पति ने बचपन में हुए विवाह को मानने से इंकार कर दिया, घर वाले अभी भी आस लगाये बैठे थे कि काश ! ये अपने ससुराल चली जाये।
" तभी उसे अपनी प्राइमरी स्कूल की अध्यापिका की याद आई जा पहुंची उनके घर ।
" मेरा जीवन समाज की थोथी मानसिकता और रीति -रिवाज में उलझ गया है, ऐसे में कोई राह ही नही सूझ रही है।, 
अरे ! इसमें घबराने की और परेशान होने वाली क्या बात है , शिक्षा के मंदिर में चली आओ , मेरा मतलब है तुम अपनी शिक्षा फिर से शुरू करो। 
अध्यापिका जी जब रिटायर हुई तो स्कूल फंक्सन में विशिष्ठ अतिथि सुश्री किरण सिंह ही थी।
शान्ति पुरोहित

Friday 11 December 2015

वही घटना

करीब दो घण्टे से मूसलाधार बारिश बरस रही है, और घर में बहू के तानो की बरसात बराबर चालू है।
रामनरेश जी को आज बहू के ताने विष बुझे तीर के समान कड़वे लग रहे है।
जब सहन शक्ति चुक गयी सुनने की तो पत्नी सुरेखा का हाथ पकड़ कर तेज बारिश में ही वृद्ध आश्रम के लिए निकल गए।
थोड़ी ही देर बाद निर्मल जब घर आता है तो बताता है कि उसके सास -ससुर ,यानी बहू के माता -पिता उसे इतनी बरसात में पास ही के पार्क में बैठे मिले जो भीगने के कारण थर -थर काँप रहे थे| उसकी पत्नी का मायका उसी शहर में जो था |
"बाबूजी -माँ, देखो आपके लिए गरमागरम गाजर का हलुवा लाया हूँ आओ आप और मैं साथ खाएंगे।,निर्मल के आवाज देने पर भी उसके माँ -बाबूजी नही आये तो पत्नी से अपने माँ-बाबूजी के बारे में पूछा |
अपने माँ -पापा को इस हालत में देखकर निर्मल की पत्नी मन ही मन में जान गयी कि उसके माँ - बाबूजी के साथ जो इस वक्त थर-थर काँप रहे थे। भाभी ने शायद उनके साथ भी ..... वही घटना"
शान्ति पुरोहित