Friday 13 March 2015

इंतजार

इंतजार
आज भी नैना नही आयी ! कितने दिनों से उसका इंतजार यूं ही फूलो को सजा कर करता आ रहा हूँ।उसको फूल बहुत पसंद है लगता है उसके बेटे - बहू ने उसकी पाँव में समाज नाम की बेडी लगा दी है।रमाकांत ने उदास होते हुए कहा। कौन बेटा बहू जीवन में अकेले रह गए माता या पिता के बारे में ऐसा सोचता है कि उनको भी एक साथी की जरूरत होती है। जिनके साथ अपना बचा हुआ वक़्त सुगमता से गुजार सके।
शान्ति पुरोहित

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