Monday 24 November 2014

रब की मर्जी से होगा जो होगा 
अपनी किस्मत में होगा जो होगा 
अच्छा बुरा सहना ताकत रब देगा 
हँस के झेलेंगे होगा जो होगा 


जग की है ये अद्भुत रीत
होती है कब भी बिन प्रीत
पाया मैंने मन का मीत
केवल उसके मन को जीत
2
चमेली के फूल सी महकती
घर की बेटी सदा चहकती
सुरभित करती कोना कोना
अपनी मुक्त हँसी बिखेरती
3
दिल के अहसास को ना अनदेखा करो
अपनेपन के भाव को तुम देखा करो
निश्छल निस्वार्थ प्रेम की कद्र हो हमेशा
बेवफाई के फन को खुले दृग देखा करो
4
वृद्धावस्था में रखे माँ बापू का ध्यान
दोनों जग में ईश सम कहना मेरा मान
कहना मेरा मान सफल तूं जीवन करले
देंगे ईस अशीष तूं खली झोली भर ले
5
किस्मत की रेखा का किसके पास है लेखा
बनते बिगड़ते कईयो को हमने भी है देखा
है माया सब लेख की क्यूँ पीटता है लकीर
राजा बनते रंक आमिर को फकीरी में देखा
shanti purohit
जीवन मग में पिता का त्रानहर्ता पुत्र होता है
पिता की जर्जर अवस्था,बुढ़ापे का सहारा होता है
कुल दीपक माता-पिता का राजदुलारा होता है
माँ के सुख का आसमान,आँखों का तारा होता है
पिता की ऊँगली पकड़े डगमग चलते बचपन में
काँपते हाथ बुढ़ापे में हाथ में लिए होता है
माता के सुख का आधार,पिता की आँखों का नूर
माँ-पिता के प्राणों का धन,जीवन का आधार होता है
अंत समय देता जल अँजुरी ,तर्पण का अधिकारी
श्रवण कुमार जैसा हो पुत्र, मोह सबको होता है
*********************शान्ति पुरोहित
मेरा हर पल तेरा हो गया
मै मुक्त हूँ गम तेरा हो गया 
सुमिरन करता दिन रात तेरा
जीवन सार्थक मेरा हो गया

Friday 14 November 2014

घुँघरू की आवाज .....



घुँघरू की आवाज .....
जब वो पैदा हुई तो माँ-बापू ने उसके बड़ी अफसरानी बनने के सपने देखे थे। लेंकिन तब सब खत्म हो गया जब, उससे प्यार और शादी करने का इच्छुक वो लड़का शादी वाले दिन ही उसका सौदा करके उसे बदनाम बाजार में बिठा दिया। और आज तक वो अपने प्यार को कोस रही है। घुघरूँ की आवाज में उसकी हर चीख गुम हो गयी है।
शान्ति पुरोहित

Thursday 6 November 2014

भाग्यशाली

भाग्यशाली ……
राधे लाल जी ने एक पल के लिए भी नही सोचा था कि उनको बिना लाठी की मार खानी पड़ेगी | लाडले बेटे शिव की सगाई, बड़ी धूम-धाम से कुछ दिन पहले ही की थी| दो माह बाद शादी की तिथि घोषित हुई थी | पर ये क्या ! जिसकी बारात निकलनी थी | आज उसकी अर्थी निकल रही है | हर परिचित की आँखे नम थी | दुख की इस घड़ी में बहुत से लोग उनको सांत्वना देने को आये हुए थे | उन्ही में से किसी की आवाज आयी ” लडकी अभागी है| रिश्ता होते ही लडके को अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ा | दुःख का पहाड़ टूट पडा फिर भी लडके का पिता बोला ” आप कौन होते हो ये तय करने वाले, कि लडकी के कारण ये सब हुआ , वो तो नसीब वाली है जो ये शादी से पहले हुआ | किस्मत तो हमारी फूटी है | हमे उम्र भर पहाड़ सा दुःख झेलना है |,
शान्ति पुरोहित

Saturday 1 November 2014

गीतिका

सुंदर है वो हाथ 
रहे असहाय साथ
सुंदर है वो हँसी
हो अपनों के साथ
सुंदर वो अहसास
नेह मिठास हो साथ
सुंदर है वो अश्रु
और के गम में साथ
सुंदर है वो दुआए
दुखियो के हो साथ
^^^^^^^^^^^^^^शान्ति पुरोहित