रोटी की ताकत
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सूने खंडहर से घर में
टूटी खटिया पर लेटी
एक जीर्ण शीर्ण काया रमिया
घर के कोने कोने को देखती है
हसरत से आश्रय स्थल निहार
भूख खड़ी मंद मंद मुस्कराती
खाली कनस्तर मुहँ चिडाता सा
दाल भात का एक दाना भी नही
महाजन भी महंगाई के आगे मजबूर
राशन का दिन ब दिन आसमान छूता दाम
कृशकाय रमिया की पकड़ से कोसो दूर
रमिया को इंतजार है तो बस मौत का
****************************************************शान्ति पुरोहित
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सूने खंडहर से घर में
टूटी खटिया पर लेटी
एक जीर्ण शीर्ण काया रमिया
घर के कोने कोने को देखती है
हसरत से आश्रय स्थल निहार
भूख खड़ी मंद मंद मुस्कराती
खाली कनस्तर मुहँ चिडाता सा
दाल भात का एक दाना भी नही
महाजन भी महंगाई के आगे मजबूर
राशन का दिन ब दिन आसमान छूता दाम
कृशकाय रमिया की पकड़ से कोसो दूर
रमिया को इंतजार है तो बस मौत का
****************************************************शान्ति पुरोहित
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