Friday 22 August 2014


सौरभ के संग खिलते सुमन 
      बौराए मधुप करे गुन-गुन 
गुलशन में आयी बहार सुगंध 
       कुहू कोकिल गाये मिठ्ठी धुन 
ह्रदय कुञ्ज रंग राग उमंग 
       लाल कनेर मस्त गुलमोहर 
चिताकर्षक वन खग विहग 
        बौराए मधुप करे गुन- गुन 

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