Sunday 24 August 2014

माँ तुम हो.........

माँ हर पल जागने वाली 
खुद के जाये की फ़िक्र करने वाली 
दुआओ से झोली भर देने वाली 
दर्द हो साथ फिर भी खुश दिखने वाली 
आज सो गयी 
चादर ओढ़ कर 
हमेशा के लिए 
धवल काया काली पड़ गयी 
थम गया वक्त 
जब माँ सो गयी 
शांत चिर निद्रा में 
अंतस चीत्कार कर उठा 
खालीपन माँ के ना होने का 
माँ की हर याद से भरेगा 
अहसास हर पल ये 
माँ तुम अपने अंश में 
अहसास रूप में जिन्दा हो 
मा तुम हो माँ तुम हो
****************************

No comments:

Post a Comment