Sunday 8 June 2014

तांका

जल के बिना 
सृष्टि निर्वाह नहीं 
सदुपयोग 
है ये अमूल्य निधि 
धरती का अमृत 
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नदी का नीर 
अवनि धरोहर 
सुरक्षित हो 
जल ही प्राणाधार 
प्रदूषित ना करो

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