Sunday 4 May 2014

एक माँ की व्यथा .......



मीरा जब से गर्भवती हुई है| बस एक ही बात सता रही है कि इस बार बेटा नहीं हुआ तो घर में शांति से जीना दूभर हो जायेगा| दो बेटियों के बात सबको अब बेटे का इंतजार बेसब्री से है| वो तो भला हो सरकार का कि लिंग जाँच करके पहले से ही पता लगा लेना अपराध घोषित कर दिया; नहीं तो मेरे बच्चो की हत्या ही करा देते ये लोग| 
खैर धीरे- धीरे वो वक्त भी नजदीक आया जब मेरे भाग्य का फैसला जैसे होने वाला था| अस्पताल में ले जाया गया| अचानक मेरे पति ने मुझे हिम्मत दी कि ''तुम चिंता ना करो जो भी होगा देखा जायेगा इसमें तुम्हरा क्या कसूर है|, अचानक इस परिवर्तन को मै समझ नहीं पायी| कुछ देर में मैंने मेरी तीसरी प्यारी सी बेटी को जन्म दिया| सबके रौद्र रूप को पति ने झेला '' मेरी बेटी को कोई भी बुरी नजर से नहीं देखेगा मेरे घर की शान है ये|

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